पूर्व सेहत मंत्री प्रोफेसर लक्ष्मीकांता चावला ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है कि पूरे देश से ही पुलिस द्वारा जनता से दुव्र्यवहार और निर्मम पिटाई की खबरें मिलती हैं। मध्यप्रदेश के गुना में जिस बेरहमी से पुलिस ने किसान दंपती को पीटा, अधमरा करके छोड़ा, उनके बच्चे बिलखते रहे, किसी ने नहीं देखा। उन्हें अस्पताल की जगह पुलिस की गाड़ी में जबरी लाद दिया। इससे पहले भी राजस्थान, पंजाब तथा दूसरे प्रांतों की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने बड़ा कदम उठाते हुए डीसी, एसएसपी, आईजी समेत सबको बदल दिया। उत्तर देना होगा सरकारों को कि क्या कुछ अफसर बदलने से पुलिस सिस्टम बदल जाएगा। पुलिस के हाथ रोकने होंगे सरकारों को। पुलिस ट्रेनिंग में ही यह पाठ पढ़ाना होगा कि यूनिफाॅर्म लूटने और पीटने के लिए नहीं, जनता की रक्षा के लिए है। मीडिया ने जिस तरह से इस घटना को दिखाया उसी से सरकार जागी, पर मीडिया वालों से भी एक निवेदन है कि केवल घटना और ट्रांसफर के बाद इन लोगों को क्या सजा मिली यह भी दिखाएं।
भारत के गृह मंत्री जी से मेरी अपील है कि वे पुलिस की ट्रेनिंग में मानव अधिकारों, बाल अधिकारों और हर नागरिक के अधिकारों के विषय में पढ़ाएं। खासकर जब उनकी भर्ती की जाती है तो केवल शारीरिक लंबाई-चैड़ाई न देखी जाए उनकी पृष्ठभूमि भी पूरी तरह देखकर ही भर्ती करें।